About the Book
उसने प्रधानमंत्री कार्यालय को सीधे पत्र लिखा था कि अब तक तो उसके जैसी एक बेटी को गाँव से बाहर जाकर प्रतिदिन पढ़ने और बढ़ने के लिए अपने माता-पिता और अपने गाँव वालों से लड़ना पड़ा था।हालाँकि उसमें सफल हो कर वह जबलपुर हाई स्कूल तक तो पहुँच गई थी।पर अब आगे की लड़ाई में उसके राह को रोककर सरकार के स्कूल का नियम खड़ा हो गया है ,जो उसका दाख़िला साइंस संकाय में नहीं होने दे रहा था।
क्या बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान महज़ नारा है?
About the Author
डॉ. सीमा प्रधान( राज) एक कविह्रदय लेखिका,एक वक़्ता,एक प्रशासनिक अधिकारी तथा लोकोपकारक हैं।इनका अधिकांश लेखन बच्चों तथा स्त्रियों की शोषक व्यवस्था के उपर सवालिया निशान के रूप में आम आदमीं की चेतना को जगाने के लिए प्रत्यनशील रहा है।आकाशवाणी,दूरदर्शन,पत्रिकाओं व जरनल के द्वारा इनकी कृतियाँ प्रसारित व प्रकाशित होती रही है।
जन्म:-02 अक्तूबर1964
शिक्षा:-एम.एतथापी-एज.डी (अर्थशास्त्र) एम .एड.(गोल्ड मेडल)
प्रमुखरचनाएँ:- इन्द्रधनुष, श्रापग्रस्त , सुरक्षित करें बचपन, नारी सशक्ति करण के मायने ,क्लास रूम मैनेजमेंट, धुंधली तस्वीरें आदि इसके अलावा आकाशवाणी से सैकड़ों कविताएँ प्रसारित हो चुकी हैं।
अर्थसिद्धि :- 1995 से केन्द्रीय विद्यालय संगठन में अध्यापन कार्य एवं 2010 से प्राचार्य के पद पर रहते हुए।वर्ष 2015 में मंत्री मानव संसाधन विकास ,भारत सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।