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KRISHAN

Author: RAJNISH  AGRAWAL 

ISBN: 9789382524762

Year: 2019

Medium: Hindi

Publisher: THE BOOKLINE

Distributor: THE BOOKLINE

Edition: 1

995.00
Price includes all taxes.
  • Description
देख कर राधे, कृष्ण की पीर, 
अविरल बहते नंदैय के नीर,
देती है सौगंध मनभावन को, 
कठोर करके अपने मन को,
अब तू और नीर न बहाना, 
मैं रूठी तो कठिन होगा मनाना,
मोहन अधर मुस्कान है ठहरी, 
सोचकर, कितनी है यह बाबरी,
समझाना मुझको चाहती है, 
पर पीड़ा अपनी छुपा न पाती है,
पास तेरे छोड़ी सब निषानियाँ है, 
गाय, ग्वाल, बाल, सखियाँ है,
मैं तो चला हूँ अब परदेश, 
गाय गोपिकाएं बिन कैसा होगा देश,
राधा यह सुन के है जली, 
अपने को वहाँ न पाके है खूब लड़ी,
गाय गोपिकाएं हो तुमको भली, 
मैं तो अब अपनी राह चली,
छलियें ने अब दूसरा दाँव चला, 
राधा को आंसू दिखा है छला,
नील गात लगी आंसूं की झड़ी, 
जैसे अम्बर बीच सरि है फूटी,
राधा तो श्याम का एक अंग है, 
सांवरे नभ पर फ़ैली नव्य रंग है,
अलौकिक छवि को हृदय में बसा, 
वारी न्यारी हो गई राधा, 
चितचोर ने अंततः किया समर्पण, 
राधा को अपना जीवन किया अर्पण। 
 
..... रजनीश

परिचय
 
आप एक भारत सरकार सेवार्थ टेक्नोक्रैट होने के साथ साथ कवि हृदय व्यक्तित्व हैं।
श्री कृष्ण पर रचित इस द्विभाषी पुस्तक के माध्यम से इन्होंने कृष्ण जीवन माहात्म्य को हिंदी या कहें बोलचाल की भाषा के साथ ही विष्व प्रचलित अंग्रेजी भाषा के माध्यम से संपूर्ण विष्व को समझाने का प्रयास किया  है।
कृष्ण के जीवन से सब को शिक्षा मिले और सम्पूर्ण विष्व कृष्णमय हो कर आनंदित रहे यही इस पुस्तक का वास्तविक पारितोषिक होगा ।
जय श्रीराधे राधे।
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