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Atrangi Satrangi Kahaniya

Author: Munshi Premchand  

ISBN: 9789390838189

Year: 2021

Pages: 240

Medium: Hindi

Publisher: THE BOOK LINE

Distributor: THE BOOK LINE

Edition: 1

395.00
Price includes all taxes.
  • Description
एक साहित्यकार की वैचारिक अभिव्यक्ति समाज के जीवन्त धरातल को आधार बनाकर ही फूटता है। उसकी लेखनी का तेज इस बात पर निर्भर करता है कि उसका आत्मबोध कितना घनिष्ठ है। जहाँ तक कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की बात है तो उनकी जीवन्त समझ को आँकना सूर्य को दीप दिखाने जैसा है। 
सम्भवतः कथा सम्राट प्रेमचंद के साहित्य का यही चमत्कार है कि वह पाठक को अपनी कहानियों के पात्रों के बीचों-बीच लाकर खड़ा कर देते है। मुंशी प्रेमचंद ने हिन्दी में यथार्थवाद की शुरूआत की। भारतीय साहित्य में बहुत-सा विमर्श जो बाद में प्रमुखता से उभरा, चाहे वे दलित साहित्य हो या फिर नारी साहित्य या किसानों की दुर्दशा, उनकी जड़े प्रेमचंद के साहित्य में प्रबल रूप में दिखाई पड़ती है।
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