‘कहानी अपनी पराई’ की हर कहानी मेरे दिल के क़रीब है। कोई रचनाकार अपनी रचना में जितना अधिक अपना आप उड़ेल पाता है वह रचना उतनी ही ज्यादा उसकी अपनी हो जाती है। मेरे इस प्रथम प्रयास की हर रचना मेरे इर्द गिर्द बसे मेरे परिवार की तरह है, जिसका कोई भी सदस्य ज्यादा या कम अपना नहीं होता।
‘एयर लिफ्ट’ के प्रीतम अंकल का बिल्डिंग के कॉरीडोर की दीवार से पीठ लगा कर बैठना। खाली-खाली आँखों से शून्य में ताकते हुए, उनका सफेद दाढ़ी से भरा चेहरा आज भी आँखों के सामने आ खडा होता है। ईराक़ के बग़दाद शहर में जन्मी यह कहानी, बीते कल में खुलता वह झरोखा है जो ईराक़ के कुवैत पर हमले के कुछ अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालता है।
‘अड़ोस पड़ोस’ कहानी के पात्र कनाडा की पृष्टभूमि से जुड़े हैं। वहाँ के सोशल नॉर्मस और उनको देखने का भारतीय नजरिया, इसी दृष्टिकोण कोदर्शाने की कोशिश है ‘अड़ोस पड़ोस’।
‘एक चादर दहेज की’ अस्सी के दशक के भारतीय सामाजिक दायरों की पृष्टभूमि पर आधारित है। ‘परीक्षा परिणाम’ की कहानी निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के दकियानूसी विचारों और लड़कियों पर लगाए जाने वाले बंधनों की पुरानी रवायतों के इर्द गिर्द बुनी गई है। इस वर्ग की दोनों पीढ़ियों के बीच के द्वंद को हल्के व्यंग्य के साथ इस कहानी में रोचक ढंग से दर्शाया गया है।
‘जिज्ञासा’ कहानी का संबंध कच्ची उम्र में उपजी मासूम जिज्ञासा से है। जिसको शांत करने के लिए उठाए गए वे कदम जो अनजाने में ही सामाजिक दायरों को चुनौती दे बैठते है। इन सुदृढ़ वृक्षों के विरोध का सामना करती एक नन्ही सी कोंपल, यही है ‘जिज्ञासा’।
About the Author
शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.ए.पास।
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से एम.ए.राजनीति शास्त्र।
बीस साल तक विभिन्न देशों में रहने के पश्चात दो साल पहले भारत लौटीं।
अपने अनुभवों को कहानी रूप देने का प्रयास है ‘कहानी अपनी पराई’।
दिल्ली प्रेस में कुछ कहानियाँ प्रकार्शनार्थ चुनी गईं हैं।